
इस आर्टिकल में आज आपकोकबूतर के बारे में जानकारीऔरकबूतर पर निबंधदूंगा जो बहोत महत्वपूर्ण है|
कबूतर (Pigeon)एक पक्षी है जो हजारों सालों से इंसानों के करीब है औरइंसानों के बहोत काम भी आता है|
इस दुनिया मेंकबूतरकी लगभग300से भी ज्यादा प्रजातियाँ पायी जाती है|
सहारा रेगिस्तान,अन्टार्क्टिका और आर्कटिक को छोड़कर यह पक्षी पूरी दुनिया में पाया जाता है|
भारत,मलेशिया,एशिया और ऑस्ट्रेलियामेंकबूतरों की सबसे बड़ी प्रजातियाँपायी जाती है|
इन पक्षियों को इनकी सुंदरता और बुद्धिमत्ता की वजह से घर में पाला जाताहै|
कबूतरउष्णकटिबंधीय वर्षावन, घास के मैदान,चट्टानी क्षेत्र और रेगिस्तान में भी रहेते हैं|
पौराणिक काल से इंसान कबूतरों का पत्र भेजने के लिए इस्तेमाल करते थे|
कबूतरों में उडान भरने के लिए प्रयोग की जानेवाली मजबूत मांसपेशियां होतीहै जिसकी मदद से यह 6 हजार फीट कीऊंचाई पर भी उड़ सकते हैं|

Pigeon(कबूतर) Information, Meaning, Essay in Hindi
हुमर नस्ल का कबूतर सबसे पुरानी नस्ल का कबूतर माना जाता है और इसी नस्ल केकबूतर से बहोत सारी दूसरी नस्लें बनायीं गयी है|
कबूतर की कुछ नस्लें तो शहर के नाम से जानी जाती हैं जिनमे हैदराबादी जंगले,सह्जानपुरी,फर्काबादी, सहारनपुरीमुख्य हैं|
यह बहोत बुद्धिमान होते हैं, इन पक्षियों सेMirror Testभी पास कियाहै, यह मानव वर्णमाला के प्रत्येक अक्षर को पहेचन सकते हैं,तस्वीरों के बीच अंतरकर सकते हैं|
यह अपनेआप को शीशे में देखकर पहेचान लेते हैं और इंसान की चेहरे को याद रखसकते हैं|
दाना खिलानेवाले व्यक्ति को कबूतर याद रखते हैं फिर चाहे वो व्यक्ति अलगअलग कपडे पहेनकर ही क्यू न आये|
तट रक्षकों ने समुद्र में खोये लोगों को ढूंढने के लिए कबूतरों को प्रशिक्षितकिया है|
कबूतर एक सेकंड में दस बार पंख को फडफडा सकते हैं|

कबूतर के बारे में जानकारी
यात्री कबूतरों का एक झुंड1.5किमी लम्बा और500किमी चौड़ा दक्षिणओंटारियो में देखा गया था और इस कबूतरों के झुंड को ऊपर से गुजरने में14घंटे लग गएथे और इस झुंड में3.5बिलियन कबूतर थे|
कबूतर प्रति घंटे50से60मीलकी स्पीड से उड सकते हैं|
प्रथम औरद्रितीय विश्वयुद्ध के दौरान कबूतरों का संदेशावाहक के रूप में उपयोग किया जाता थाऔर इन कबूतरों की वजह से कई लोगों की जान भी बचाई गयी थी|
यह पक्षी बहोत खुबसूरत और शांत होते हैं इसलिए इन्हें प्रेम का प्रतिक भीमाना जाता है और इसलिए कई सारी फिल्मों और कथाओं में कबूतर का जिक्र देखने कोमिलता है|
यह एक ऐसा पक्षी है जो हजारों साल पहेले भी इंसानों के साथ मौजूद था|
यह अपने जीवनकाल में एक ही जोड़ा बनाकर रहेते हैं और एक साल में8बार अंडे देसकते हैं|
18से21दिनोंमें कबूतर के अंडे में से बच्चे निकलते हैं और3महीनो में वो बच्चे पूरीतरह से बड़े हो जाते हैं|
कबूतरों को उड़ाने से पहेले कम खाना खिलाना चाहिए|
कबूतर की उम्र बाकी पक्षियों से ज्यादा होती है एक जंगली कबूतर30साल से भीज्यादा जी सकता है और घर में पालतू कबूतर10से15साल तक जी सकता है|
इन पक्षियों कादिमाग बहोत तेज होता है जिसकी वजह से यह आसानी से कोई भी रास्ता याद रख सकते हैंऔर यह एक जगह से दूसरी जगह वापिस आने के लिए सूर्य की दिशा, अपनी अंधरूनीदिशा औरचुंबकीय किरण का इस्तेमाल करते हैं|
इनकी किसी भी आवाज को सुनने की क्षमता बहोत तेज होती है जिसके कारण यहतूफान,भूकंप आनेकी आवाज को आसानी से सुन सकते हैं|
एक रिसर्च में पाया गया है की इनको गणित भी सिखाया जा सकता है क्यूंकि यहअंको को पहेचान सकते हैं और चीजों को क्रम में जमा सकते हैं| इनकी गणितीय क्षमताकिसी बंदर से कम नहीं होती|
बेल्जियम के एक रेसर कबूतर को14करोड़ में ख़रीदा गया था, यह एक दो साल की मादाकबूतर है जिसका नाम न्यू किम है|
इसाई धर्म में कबूतर को शांति का प्रतिक माना जाता है, हिन्दू धर्म मेंराती नाम की देवी की सवारी कबूतर है, शिख धर्म में माना जाता है की अगर किसी शिखने किसी कबूतर को कुछ भी खिला दिया तो वो अगले जन्म में कभी भूखा नहीं रहेगा|
इस्लाम धर्म के मुताबिक घर में कबूतर पालने से उस घर के बच्चों से शैतानदूर रहेता है और बच्चे गलत राह पर नहीं जाते हैं|
इस्लाम धर्म में कबूतर पालने पर कोई पाबंदी नहीं है लेकिन शर्त यह है कीइनका अच्छे से ख्याल रखा जाए, अगर आप बाहर जाए तो इनके खाने पिने का इन्तेजाम करकेजाए|
इस्लाम धर्म में कहा गया है की आप कबूतर पालते हो और उसका अच्छे से ख्यालनहीं रखते हो, उसे तकलीफ देते हो, उसे खाना-पीना टाइम से नहीं देते हो तो आपको कबूतर की बद्दुआ लग सकती हैऔर आप उसके गुनाहगार हो जाओगे|

कबूतर पालने के फायदे
जिस घर में कबूतर पाले जाते हैं उस घर में सुख-समृद्धि, धन,दौलत और किसी भी चीज कीकमी नहीं होती|
घर में कबूतर या कोई भी पक्षी घोंसला बनाये तो लक्ष्मी का आगमन होता है|
घर में कबूतर पाले हो तो हर शुक्रवार को उसे चावल खिलाने से धन की देवीमहालक्ष्मी बहोत खुश होती हैं|
कबूतरों के पर की हवा मिलने से इन्सान को कोई बीमारी नहीं होती और आपकेशरीर को लकवा (पेरेलिसिस) हुआ है तो वो भी ठीक हो जाता है|
घर में कबूतर पालने से किसी भी तरह का तनाव नहीं होता|
आपकी कुंडली में कोई भी दोष हो तो आपको कबूतर पालना चाहिए अगर आप कबूतरनहीं पालना चाहते तो किसी दुसरे के कबूतर को दाना दाल सकते हो|
ये सब तभी सही होगा जब आप कबूतरों का ध्यान अच्छे से रखेंगे|
नर और मादा कबूतर की पहेचान कैसे करें ?
नर कबूतर की गर्दन जाडी और लंबी होती है और मादा कबूतर की गर्दन छोटी औरपतली होती है|
नर कबूतर की छाती का भाग ज्यादा चौड़ा होगा और मादा कबूतर की छाती का भाग कमचौड़ा होगा|
कबूतर का मिट खाने के फायदे (कबूतर को खाने के फायदे)
कबूतर को हमारे देश में बहोत कम खाया जाता है लेकिन मिडिल ईस्ट में इसेबहोत ज्यादा खाया जाता है और इसका मिट खाने के फायदे भी बहोत हैं|
सप्ताह में एक बार कबूतर का मिट खाने से बाल काले होंगे,बाल झड़ने बंध होंगे औरबाल घने भी होंगे|
कबूतर का मिट गरम होता है और इसमें प्रोटीन भी बहोत होता है इसलिए इसे खानेसे मशल्स का निर्माण अच्छे से होता है|
शरीर के आंतरिक घाव नहीं भरते हैं या बहोत ज्यादा समय लग रहा है तो कबूतरका मिट खाना चाहिए इससे शरीर के घाव जल्दी भरने लगेंगे|
इसे खाने से हकलाने की समस्या भी दूर होती है|
आप लोगों को यह आर्टिकल (Pigeon in Hindi | कबूतर पर निबंध)कैसा लगा Comment करके जरूर बताएं|