
आप लोग गाय के बारे में बहोत कुछ जानते होंगे लेकिन आज में आप लोगों कोगाय पर निबंध (Cow essay in Hindi)औरगाय के बारे जो जानकारी हिंदीमें दूंगा वो शायद ही आप जानते होंगे और यह जानकारी आपको जीवनभर काम आएगी|
गायएक ऐसा प्राणी है जो सभी जगहों पर पाया जाता है और यह बहोत ही शांत प्राणी है|
एक गाय100से ज्यादा चेहरे को याद रख सकती है|
गाय दुसरो केसाथ दोस्ती करने के साथ दुश्मनी भी अच्छे से निभाती है|
एक रिसर्च केअनुसार गाय के गोमूत्र में24तरह केतत्व पाए जाते हैं जो किसी भी बीमारी के इलाज में काम आते हैं|
गाय के गोबर सेलिपे हुए घर में रहेने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है|
गाय से गोबर सेसबसे अच्छी जैविक खाद बनायीं जा सकती है और रासायनिक खातर से बचा जा सकता है|
देसी गाय का घीखाने से बवासीर जैसी बीमारी से राहत मिलती है|
गाय कावैज्ञानिक नामBOSTAURUSहै| यह एक ऐसा प्राणी है जो ऑक्सीजन ग्रहण करताहै और ऑक्सीजन ही छोड़ता है|
गाय अपने सिंघ केमाध्यम से कॉस्मिक पॉवर ग्रहण करती है| गाय की मृत्यु के40से45साल तक उसके सिंघ सही सलामत रहेते हैं|
गाय एक पालतूप्राणी है जो इस दुनिया में सर्वत्र पायी जाती है|
गाय के करीबरहेने से खांसी और शर्दी जैसी तकलीफों में राहत मिलती है|
भेंस और विदेशीगाय के दूध को पचने में समय लगता है लेकिन देसी गाय का दूध जल्दी पच जाता है|
Cow essay in Hindi-गाय पर निबंध
दुनियाभर मेंगाय की300से ज्यादानस्लें पायी जाती है|
गाय का घी खानेसे कोलेस्ट्रोल नहीं बढ़ता है और वजन भी संतुलित रहेता है|
भारत मेंदुधारू गाय की तीन नस्ल होती हैं| दुग्ध्प्रधान एकांगी नस्ल,वत्स्प्रधान एकांगी नस्ल और सर्वांगी नस्ल|
गीर गाय सबसेअच्छी दुधारू गाय है और यह भारत की सबसे पुरानी देसी गाय है|
एक गाय अपनेजीवनकाल में2लाखग्लास दूध देती है|
हिंदु धर्म की धार्मिकमान्यता है की जिस घर में गाय निवास करती है और गोसेवा होती है वहां समस्याएँ दूररहेती है|
सामान्य तौर परगाय की उम्र15से20साल की होती है|
33लाखलोगों का एक देश है जिसका नाम उरुग्वे है जहाँ1करोड़30लाख गाएँ हैं मतलब हर इंसान के पास चार गाय है| यहाँ हर इंसान कीलघुतम इनकम1लाख25हजार/ महिना है| इसका मुख्य कारण गायहैं|
यहाँ गाय कीहत्या पर तत्काल फांसी देने का कानून है| यहाँ 90% गायभारतीय नस्ल की है|

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एक रिसर्च केअनुसार गाय बहोत समजदार जानवर है जिसमे चीजों को ज्यादा समय तक याद रखने की क्षमताहोती है|
गाय के शरीरमें एंटीबॉडी होते हैं जो इंसान के शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं|एंटीबॉडी एक तरह का प्रोटीन है जो बिमारियों से लड़ने का काम करता है|
एक गोबरगैसप्लांट से लगभग60करोड़टन लकड़ी बचाई जा सकती है मतलब3.5करोड़पेड़ों को काटने से बचाया जा सकता है|
इस प्लांट कीमदद से3करोड़ टन कार्बनडाइऑक्साइड गैस के उत्सर्जन को कम किया जा सकता है और बाद में इस प्लांट में बचेगोबर से बहोत सारे खेतों को उपजाऊ बनाया जा सकता है|
आयुर्वेद केहिसाब से रोजाना एक या दो बूँद गाय का घी नाक में डालने से न्यूरोप्रॉब्लम,पेरालिसिस,अलेर्जी,याददाश्त का कम होना और हेयरफोल जैसी गंभीर बिमारियों को ख़त्म कियाजा सकता है|
भारत कीराष्ट्रिय आय में16हजारकरोड़ रूपये गायों से प्राप्त होते हैं|
गायों का मांसखाने सेHIVसे भी खतरनाकरोगBSCऔरCJTरोग होते हैं|BSCएक ऐसा रोग हैजो सीधे इंसान के दिमाग पर असर करता है औरCJTएक जेनेटिक बीमारी है|
गाय के मांसमें डियोकशाइन नाम का पोईजनल केमिकल होता है जो जो इंसान के शरीर में कैंसर,अक्षमता, नाडिरोग और ब्लडप्रेशर जैसी बीमारी पैदा करता है|
गाय के दूध के फायदे-Benefits of Cow Milk
गाय के दूध मेंसात एमिनो एसिड के प्रोटीन होते हैं जो इंसान की हड्डियों को मजबूत बनाते हैं औरहड्डियों के रोग से बचाता है|
गाय के दूध मेंNDGIप्रोटीन होता है जो इंसान के ब्लडसेल में कैंसरको प्रवेश करने नहीं देता है|
एक रुसीसाइंटिस्ट ने बताया की गाय के गोबर और दूध में इंसान को रेडिओ एक्टिव विकिरण सेबचाने की शक्ति होती है|Cow essay in Hindi
इंसानों के चारोंतरफ एक एनर्जी रिंग होता है जिसे ओरा कहा जाता है, यह इंसानों का सुरक्षाकवच होताहै और यह गायों में ज्यादा बड़ा होता है|
गाय के गोबरमें हैजे और टीबी के वायरस को ख़तम करने की शक्ति होती है इसलिए जो लोग गायें पलतेहैं उनको टीबी नहीं होता|
रासायनिक खादखेतों में डालने से खेत बंजर बन जाते हैं लेकिन गाय के1ग्राम गोबर में300करोड़ सूक्ष्म जीव होते हैं जो खेतों के उपजाऊ बनादेते हैं|
1कीग्रागाय का गोबर खेत में मिलाने से खेत की9लीटर पानी धारण करने की क्षमता बढ़ जाती है इसीलिए पहेले किसान कम पानीमें भी अच्छी फसल उगा सकते थे|
गायों के पासकुछ समय बेठने से बिपि की तकलीफ से छुटकारा मिलता है और इसके लिए ब्राज़ील, ब्रिटनजैसे देशों में काऊसेंटर बनाये गए हैं|
वैज्ञानिकों केहिसाब से गाय का लीवर चार भाग में बना होता है इसके अंतिम भाग में एक प्रकार काएसिड बनता है जो कैंसर जो जड़ से मिटाने की क्षमता रखता है|
Cow essay in Hindi
अमेरिका नेभारत से गोमूत्र से बनी दवाओ की6पेटंटली है| अमेरिकी सरकार हरसाल भारत से गोमूत्र की आयत करती है और उनसे दवाए बनातीहै|
गाय के घी मेंएमिनो एसिड होता है| यह एसिड शरीर में जमे हुए फैट को पिघलाकर शरीर को पहेले कीतरह बनाने में मदद करता है|
इसलिए गाय काघी खाने वाले इंसान को मोटापा कभी नहीं हो सकता और ना ही कभी गंजापन हो सकता है|
गाय का घीजोडों में मौजूद लिक्विड को बुढ़ापे तक बनाये रखता है| गाय के घी में विटामिनA,E,D
औरKभरपूर मात्र में होता है|
विटामिनAआखों की तेज रौशनी के लिए,विटामिनDथकान और मजबूत हड्डियों के लिए, विटामिनEदिल के लिए और विटामिनKखून का थक्का बनाने के लिए जरूरी है|
गाय का घी शरीरमें कैंसर को पैदा होने से रोकता ही है और कैंसर को शरीर में फेलने से भी रोकताहै|
आप लोगों नेगाय तो देखि ही होगी और उसके बारे में बहोत कुछ जानते भी होंगे लेकिन में आज आपकोगाय के बारे जो जानकारी दूंगा वो शायद ही आप जानभारत और पूरी दुनिया में ते होंगे|
आज से तीन सालपहेले साइंटिस्ट के एक ग्रुप ने सोचा की अगरHIVके वायरस को गाय के डाला जाए तो क्या होगा|
वैज्ञानिकों नेHIVके वायरस कोगाय के अन्दर डाला और जो रिजल्ट आया इससे सभी वैज्ञानिक चोंक गए| यह वायरस गायोंमें फेलने के बजाये नष्ट हो गया और जो एंटीबाडी बना वोHIVके वायरस को ख़तम कर रहा था|
दुनिया के सबसेबड़े साइंस जर्नलNATUREनेरिसर्च के बाद कहा की अगरHIVकीवेक्सिन आएगी तो सिर्फ गायों की वजह से ही|
18वी सदीमें एक बीमारी की वजह से करोडो लोग मरने लगे थे| यह एक चेचक का वायरस था जो पूरीदुनिया में तबाही मचा रहा था लेकिन भारत में इसका असर बहोत कम था|
इस वायरस केसमय यह सिर्फ एक समूह को नहीं होता था और वो समूह ग्वालों का समूह था| अगर इनको यहवायरस होता भी था तो थोडा बुखार ही आता था और फिर मिट जाता था|
गायों के शरीरमें वेरिओला नाम का एक वायरस होता है| इस वायरस की वजह से गायों के ठनो की आसपासफुंसियाँ निकलती हैं| इन फुंसियों में वेरिओला वायरस होता है जो चेचक का सबसे बड़ादुश्मन होता है|
गायों के पासरहेने से यह वायरस ग्वालों के शरीर में चला जाता था जिसकी वजह से ग्वालों के शरीरपर चेचक वायरस का असर नहीं होता था|
जब किसी भीग्वालों को यह बीमारी नहीं हो रही थी तो एक ब्रिटिश साइंटिस्ट एडवर्ड जेनर ने इसबात पर ध्यान दिया और उसको मालूम पड़ा की गायों की फुंसियों से निकलनेवाले पीप सेचेचक वायरस ख़तम हो जाता है|
एडवर्ड जेनर नेइस पीप को गायों से निकालकर इंसानों में डालना शुरू किया| जिन इंसानों में इस पीपको डाला गया था उन इंसानों को चेचक वायरस नहीं हो रहा था|
गायों के इन्हीपीप से चेचक का वेक्सिन बनाया गया जो दुनिया का सबसे पहेला वेक्सिन है| आज भी चेचकका वेक्सिन गायों के ठनो में हुई फुंसियों के पीप से ही बनता है|
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